भारत में लगभग हर तीसरा व्यक्ति चाहता है कि वह बिजनेस करें। और बिजनेस करने का बनाने वाले लोगों के मन में दो सवाल हर वक्त कौधता रहता है। पहला यह कि किस चीज का बिजनेस करें और दूसरा यह कि व्यापार के लिए बिजनेस लोन कहाँ और कैसे मिलता है? क्योंकि अधिकतर लोग बिजनेस लोन लेकर ही बिजनेस करना चाहते है। हालांकि यह सवाल बेबुनियाद नहीं है। बल्कि सही है क्योंकि भारत सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोग खुद का स्वरोजगार करें ताकि वह लोग खुद सक्षम बनने के साथ दूसरे लोगों को भी रोजगार देने का काम करें। इसके लिए भारत सरकार द्वारा बिजनेस लोन योजना चलाकर व्यापार के लिए लोन देने का कार्य किया जा रहा है।
यह बहुत से लोगों का सवाल हो सकता है कि बिजनेस लोन लेने के लिए गारंटर कहां से लाऐगें। तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी लोन योजना के तहत व्यापार के लिए लोन पर किसी को गारंटर बनाने की जरुरत नहीं है। इस योजना का नाम प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना है। पीएम लोन योजना में व्यापार के लिए और पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए 3 कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन मिलता है। मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले लोन का उपयोग एमएसएमई सेक्टर में बिजनेस शुरु करने के लिए और एमएसएमई सेक्टर के बिजनेस का विस्तार करने के लिए किया जाता है। व्यापार के लिए मुद्रा लोन सरकारी, सहकारी और प्राइवेट बैंकों के अलावा नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी- एनबीएफसी कंपनियों से मिलता है। मुद्रा लोन योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है। मुद्रा योजना के तहत मिलने वाला 10 लाख तक का बिजनेस लोन 3 कैटेगरी में विभाजित है:
जिस लोगों को मुद्रा लोन चाहिए, उन्हें सबसे पहले मुद्रा लोन लेने की पात्रता जांचना चाहिए। मुद्रा लोन प्राप्त करने की पात्रता दो तरह से डिसाइड होती है। बेसिक पात्रता और अनिवार्य पात्रता। मुद्रा लोन की बेसिक पात्रता निम्न है:
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Indian banks have many opportunities for people who want to apply for SME. Many small-scale industries need some extra money to give a small kick to their business and bring them out of their financial problems and support their businesses to make them successful.
MSME loan can be readily available for people who want to start a small business and achieve something. These loans can also be applied for by the people even without collateral. Collateral free loans help people more significant than ordinary loans. List of Primary SME Loans Useful for Ordinary People:
1. What will be the time-span of the SME loans? The time-span of SME loans is according to the regular rules and regulations of applying for loans. 2. What credits do ordinary business people get from the SME loans? Ordinary business people may not avail of incredible discounts and offer, unlike the small-scale businessmen, but can avail of these loans for small interest rates. 3. How is the rate of interest of SME loans decided? The banks or organizations that decide the offerings of these loans allot the interest rates for the specific SME loans and for that specific year. एमएसएमई लोन का मुख्य उद्देश्य होता है कि कारोबार की आर्थिक मदद करना। कपड़े का शोरुम भी एमएसएमई बिजनेस के तहत आता है। इसलिए सीधे तौर पर कह सकते हैं कि कपड़े का शोरुम खोलने के लिए एमएसएमई लोन (MSME Loan) ले सकते हैं।
MSME का फुल फॉर्म माइक्रो, स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइज है। देशज भाषा में हम इसे छोटा और मध्यम स्तर का कारोबार कहते हैं। एमएसएमई की सबसे बड़ी खासियत है कि कम संसाधन में और कम जगह पर भी शुरु किया जा सकता है और बेहतर मुनाफा बनाया जा सकता है। कपड़े का शोरुम एक ऐसा ही बिजनेस है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसे लोगो को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो लोग खुद का बिजनेस करना चाहते हैं। इसके लिए सरकार स्तर पर बिजनेस लोन की व्यवस्था की गई है। मुद्रा लोन योजना एक ऐसी योजना है जिसमें एमएसएमई कैटेगरी में रोजगार कर रहे लोगो को बिना कुछ गिरवी रखे बिजनेस मिलता है। मुद्रा योजना के तहत देश में 27 सरकारी बैंक, 17 प्राइवेट बैंक, 31 ग्रामीण बैंक, 4 सहकारी बैंक और 25 नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) कंपनी से बिजनेस लोन मिलता है। कपड़े का शोरुम खोलने के लिए मुद्रा योजना के तहत बिजनेस लोन ले सकते हैं। मुद्रा लोन लेने के लिए कुछ जरुरी कागजातों की आवश्यकता पड़ती है। जिन कागजो की जरुरत होती है, वह लिस्ट निम्न है। बिजनेस लोन के लिए जरूरी कागजात
MSME लोन लेने के लिए क्या करना होता है? एमएसएमई लोन यानी बिजनेस लोन लगभग सभी सरकारी बैंक और सलेक्टेड एनबीएफसी से मिलता है। बिजनेस लोन लेने के लिए फाइनेंशियल संस्था की वेबसाइट पर जाना होता है और बिजनेस लोन ऑनलाइन के लिए आवेदन करना होता है। इसके बाद बिजनेस लोन आवेदन फॉर्म खुल जाता है। फॉर्म में मांगी गई सभी जरुरी जानकारी भरना होता है। सभी जरुरी कागजात को अटैच करना होता है। इसके बाद फॉर्म को सबमिट कर देना होता है। बिजनेस लोन आवेदन फॉर्म सबमिट करने बाद आपको एक आवेदन संख्या मिल जाती है। उसी आवेदन संख्या से आप अपने बिजनेस लोन का स्टेट्स चेक कर सकते हैं। MSME देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। MSME भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इत्यादि ही वाक्य हमें टेलीविजन, रेडियों और अख़बारों में दिखाई और सुनाई देते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एमएसएमई - MSME किसे कहते हैं? MSME का फुलफॉर्म – Full Form of MSME समझ लीजिये तो आपको आगे जानने में आसानी होगी। एमएसएमई का फुलफॉर्म Micro, Small and Medium Enterprises – माइक्रो, स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइज होता है। इसे हिन्दी में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग कहते हैं। एमएसएमई उद्योग मुख्य रुप से दो प्रकार का होता है।
MSME का फायदा तब मिलता है जब एमएसएमई रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। एमएसएमई पंजिकरण होने पर निम्नलिखित फायदे मिलते हैः
एमएसएमई सेक्टर के बिजनेस को कारोबार का विस्तार करने के लिए दिया जाने वाला लोन एमएसएमई लोन कहा जाता है। एमएसएमई का फुल फॉर्म माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइज कहा जाता है। भारत सरकार द्वारा एक एमएसएमई मंत्रालय का गठन किया गया है। एमएसएमई मंत्रालय द्वारा ही छोटे एवं मध्यम कारोबार के लिए तमाम तरह की वित्तिय सुविधाओं को प्रदान किया जाता है।
एमएसएमई लोन का उपयोग सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग कैटेगरी कारोबारी अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए करते हैं। इसके साथ ही एमएसएमई लोन का उपयोग नया एमएसएमई बिजनेस शुरु करने के लिए भी किया जाता है। हालांकि अधिकतर एमएसएमई लोन उन्हीं कारोबारियो को मिलता है, जिनका कारोबार कम से कम 2 साल पुराना होता है और बिजनेस का सालाना टर्नओवर 10 लाख रुपये से अधिक होता है। MSME लोन का सबसे बेहतरीन उदाहरण प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना है। मुद्रा लोन योजना के तहत एमएसएमई कारोबारियों को 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन यानी एमएसएमई लोन बिना कुछ गिरवी रखे मिलता है। ठीक इसी प्रकार सभी बैंको द्वारा एमएसएमई लोन प्रदान किया जाता है। सभी बैंको के द्वारा प्रदान किया जाने वाला एमएसएमई लोन की शर्ते और सुविधाएं अलग – अलग होती है। वर्तमान समय में नॉन बैकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) से बिजनेस लोन के तौर पर एमएसएमई लोन प्राप्त करना बहुत ही आसान है। अधिकतर एनबीएफसी कंपनियां एमएसएमई लोन बिना कुछ गिरवी रखे प्रदान करती हैं। हालांकि इसी के साथ यह भी क्लियर करना उचित होगा कि एमएसएमई लोन अनसिक्योर्ड लोन होने के साथ – साथ शार्ट टर्म लोन भी होता है। इसलिए इल लोन को चुकाने के लिए सीमित समय मिलता है। लेकिन फायदे की बाद यह है कि एमएसएमई लोन लेने पर टैक्स में छूट मिलता है। टैक्स में छूट इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करते वक्त मिलता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि एमएसएमई लोन, एमएसएमई कारोबारियों के लिए एक शानदार विकल्प होता है। जरुरत पड़ने पर जरुर MSME लोन लेना चाहिए। मुद्रा का पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनैन्स एजेंसी लिमिटेड है। मुद्रा मूल रुप से गैर-बैकिंग संस्थान है। यह एक पुनर्वित्त एजेंसी है न कि प्रत्यक्ष रुप से मुद्रा लोन देने वाली संस्था। मुद्रा लोन योजना के तहत तीन कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन मिलता है।
मुद्रा अपनी जैसी मध्यवर्ती संस्थाओं जैसे उन बैंकों/अल्प वित्त सस्थाओं/ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सुझाव प्रदान करता है, जो गैर कृषि क्षेत्र में विनिर्माण, बिजनेस तथा सर्विस सेक्टर के कारोबारियों को बिजनेस लोन प्रदान करने का कार्य करते हैं। मुद्रा कैसे कार्य करता है? प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत मुद्रा एनबीएफसी कंपनी ने पहले से ही अपने प्रारंभिक उत्पाद/ योजनाएं तैयार कर ली हैं। इन उत्पाद/योजनाओं को 'शिशु लोन', 'किशोर लोन' तथा 'तरुण लोन' नाम दिया गया है। जिसके तहत एमएसएई सेक्टर के कारोबारियों को बिजनेस लोन प्रदान किया जाता है।
मुद्रा लोन के लाभार्थी कौन होता है? प्रधानमंत्री मुद्रा लोन प्रदान किये जाने का मूल देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए भी मुद्रा लोन दिया जाता है। मुद्रा लोन के लाभार्थी निम्न होते हैः ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में स्थित गैर निगमित लघु व्यवसाय घटक (एनसीएसबीएस), जिनमें ऐसी लाखों प्रोप्राइटरशिप/पार्टनरशिप फर्में शामिल हैं, जो लघु विनिर्माण इकाइयाँ, सेवा क्षेत्र की इकाइयाँ, दुकानदार, फल/सब्जी विक्रेता, ट्रक परिचालक, खाद्य-सेवा इकाइयां, मरम्मत की दुकानें, मशीन परिचालन, लघु उद्योग, दस्तकार, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां तथा व्यवसाय चलाते हैं। मुद्रा लोन लेने में किन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत? ऋण के निबंधन और शर्तें ऋण देनेवाली संस्था और भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के दायरे में रहकर निर्धारित की जाएँगी। आवश्यक दस्तावेज़ों के संबंध में आप अपने इलाके की किसी भी ऋणदात्री संस्था से मार्गदर्शन ले सकते हैं। समान्य तौर पर मुद्रा लोन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की जरुरत होती हैः
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एक सरकारी बिजनेस लोन याजना है। इस सराकारी बिजनेस लोन के तहत एमएसएमई श्रेणी के कारोबारियों को तीन कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन कम ब्याज दर पर प्रदान किया जाता है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर के कारोबार यानी छोटे और मध्यम बिजनेस को आर्थिक मदद करने के उद्देश्य अप्रैल 2015 में मुद्रा यानी Micro Units Development and Refinance Agency Limited (MUDRA) योजना शुरु की गई है। मुद्रा योजना का पूरा नाम – Full Form of मुद्रा योजना- माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है। यह एक गैर-बैकिंग वित्तिय संस्थान यानी नॉन बैकिंग फाइनेंशियल कंपनी है। मुद्रा योजना केन्द्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत देश में 27 सरकारी बैंक, प्राइवेट सेक्टर के 17 बैंक, 31 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, 4 सहकारी बैंक, 36 माइक्रो फाइनेंस संस्थान और 25 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को मुद्रा लोन बांटने के लिए अधिकृत किया गया है। पीएम मुद्रा लोन योजना का लाभ प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का प्रमुक लाभ है कि इस योजना के तहत एमएसएमई सेगमेंट में नया कारोबार शुरु करने के लिए और पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए बिना कुछ गिरवी रखे अधिकतम 10 लाख रुपये तक बिजनेस लोन, तीन कैटेगरी में प्रदान किया जात है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ कैसे लिया जा सकता है? किसी भी योजना का लाभ लेने की एक प्रक्रिया होती है। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का लाभ उठाने की भी एक प्रक्रिया निर्धारित की गई है। मतलब है कि मुद्रा लोन के लिए जो निर्धारित प्रक्रिया तय की गई है उसका पालन करना होता है। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन लेने की प्रक्रया सबसे पहले अपने नजदीकी उस बैंक या फाइनेंशियल कंपनी का पता लगाये जिससे मुद्रा लोन मिलता है। फाइनेंशियल संस्था पता लगाने के बाद आपका कर्तव्य होना चाहिए कि मुद्रा लोन के लिए लगने वाले सभी कागज़ी दस्तावेजों को इक्कठा करना। अब आपका काम होगा एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का। यह प्रोजेक्ट रिपोर्ट इस लिए बनाना है ताकि आप यह दिखा सकें कि आप मुद्रा लोन के पैसों का क्या उपयोग करेंगे। कागजात जुटाने के बाद और प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के बाद अब आप उस बैंक या फाइनेंशियल कंपनी में जाकर मुद्रा लोन फॉर्म लीजिये। फॉर्म अच्छी तरह भरने के बाद उसके साथ सभी जरूरी कागजात नत्थी करके फॉर्म जमा कीजिये। फॉर्म जमा करने के बाद आपको रेगुलर तौर से बैंक या फाइनेंशियल कंपनी में जाकर फ़ॉलोअप करना होगा कि आपको बिजनेस लोन तब तक मिलेगा। इस तरह आप देखते हैं कि प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना की प्रक्रिया काफी आसान और सुलझी हुई है। जिन लोगो को अपना एमएसएमई बिजनेस शुरु करना हो या पहले से चल रहे एमएसएमई बिजनेस का विस्तार करना हो, वह लोग यहा बताई गई प्रक्रिया के तहत प्रधानमंत्री लोन योजना का लाभ उठा सकते हैं। आज के समय में सभी का चाहत होती है कि वह बिजनेस करें और अधिक मुनाफा कमाए। बिजनेस शुरु करने के लिए जो चीज सबसे जरुरी चीज होता है वह है धन। बिना आवश्यक धन के बिजनेस शुरु करने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
लोग यह चाहते हैं कि वह बिजनेस शुरु करें लेकिन साथ ही यह भी चाहत होती है कि ऐसा एमएसएमई बिजनेस शुरु करें जिसे कम लागत में शुरु किया जा सकता हो। और समय आने पर बिजनेस लोन लेकर बिजनेस का विस्तार किया जा सके। आइये आपको 5 ऐसे एमएसएमई बिजनेस के बारें में बताते हैं जिसे कम लागत में शुरु किया जा सकता है।
पेपर का दोना बनाने का बिजनेस - Paper Making Business जब से भारत में पलास्टिक बैं हुआ है, तब से पेपर के थैलों की मांग बढ़ गई है। इसलिए कम पैसों में शुरु होने वाला यह एक हॉट बिजनेस है। पेपर का बिजनेस शुरु करने के लिए एक पेपर दोना मेकिंग मशीन और पेपर का कच्चा माल की जरुरत होती है। इस बिजनेस को शुरु करने के लिए शुरआती तौर से 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक की जरुरत होती है। किराने की दुकान - Grocery Store हर किसी को दैनिक जरुरत वाली चीजों की जरुरत होती है। किराने की दुकान का बिजनेस एक सदाबाहार बिजनेस है। इस बिजनेस को अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार शुरु किया जा सकता है और जरुरत होने पर बिजनेस लोन के जरिए बिजनेस का विस्तार आसानी के साथ किया जा सकता है। ट्रैवल एजेंसी बिजनेस - Travel Agency Business आज के समय में लोग कमाने, खाने और घूमने के लिए जमकर पैसा खर्च करते हैं। इसलिए ट्रैवल एजेंसी का बिजनेस बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और इस बिजनेस में मुनाफा भी खूब होता है। ट्रैवल एजेंसी का बिजनेस शुरु करने के लिए एक कमरा नुमा आफिस और गाड़ी मालिको से संपर्क होना चाहिए। ट्रैवल एजेंसी का बिजनेस 1 लाक रुपये से शुरु हो सकता है। मसाला बनाने का बिजनेस - Spice Making Business खाना में मसाला न हो तो खाना फीका लगने लगता है। कहने का आसय यह है कि मसाला का बिजनेस एक सदाबाहार बिजनेस है। आज के दौर में आर्गेनिक मसालों की मांग जमकर बढ़ गई है। मसाला का बिजनेस करने के लिए एक मसाला पीसने वाली मशीन औ साबूत मसालों का जरुरत होती है। किसानों से साबूत मसाला मंगाकर मसाला का बिजनेस किया जा सकता है। मोमबत्ती बनाने का बिजनेस - Candle Making Business मोमबत्ती जरुरत होने के साथ फैशन की आवश्यकता भी है। आज के डेट में लोग होटलों में कैंडल लाइट डिनर करने जाते है। और घरों और होटलों में सजावट के लिए मोमबत्ती का उपयोग किया जाता है। इसलिए मोमबत्ती की मांग बराबर बनी रहती है। मोमबत्ती का बिजनेस करने के लिए एक मोमबत्ती मेकिंग मशीन और मोम के तौर पर कच्चा माल चाहिए होता है। इन सब में कुल 1 लाख रुपये तक लग जाता है। हालांकि मशीन पर वन टाइम खर्च होता है। इसके बाद सिर्फ कच्चा माल की ही खरीद करना होता है। भारत में लगभग हर तीसरा व्यक्ति चाहता है कि वह बिजनेस करें। और बिजनेस करने का बनाने वाले लोगों के मन में दो सवाल हर वक्त कौधता रहता है। पहला यह कि किस चीज का बिजनेस करें और दूसरा यह कि व्यापार के लिए लोन कहाँ और कैसे मिलता है? क्योंकि अधिकतर लोग बिजनेस लोन लेकर ही बिजनेस करना चाहते है।
हालांकि यह सवाल बेबुनियाद नहीं है। बल्कि सही है क्योंकि भारत सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोग खुद का स्वरोजगार करें ताकि वह लोग खुद सक्षम बनने के साथ दूसरे लोगों को भी रोजगार देने का काम करें। इसके लिए भारत सरकार द्वारा बिजनेस लोन योजना चलाकर व्यापार के लिए लोन देने का कार्य किया जा रहा है। यह बहुत से लोगों का सवाल हो सकता है कि बिजनेस लोन लेने के लिए गारंटर कहां से लाऐगें। तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी लोन योजना के तहत व्यापार के लिए लोन पर किसी को गारंटर बनाने की जरुरत नहीं है। जी, हां। इस योजना का नाम प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना है। पीएम लोन योजना में व्यापार के लिए और पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए 3 कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन मिलता है। मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले लोन का उपयोग एमएसएमई सेक्टर में बिजनेस शुरु करने के लिए और एमएसएमई सेक्टर के बिजनेस का विस्तार करने के लिए किया जाता है। व्यापार के लिए मुद्रा लोन सरकारी, सहकारी और प्राइवेट बैंकों के अलावा नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी- एनबीएफसी कंपनियों से मिलता है। मुद्रा लोन योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है। मुद्रा योजना के तहत मिलने वाला 10 लाख तक का बिजनेस लोन 3 कैटेगरी में विभाजित है:
व्यापार के लिए मुद्रा लोन कैसे मिलता है? जिस लोगों को मुद्रा लोन चाहिए, उन्हें सबसे पहले मुद्रा लोन लेने की पात्रता जांचना चाहिए। मुद्रा लोन प्राप्त करने की पात्रता दो तरह से डिसाइड होती है। बेसिक पात्रता और अनिवार्य पात्रता। मुद्रा लोन की बेसिक पात्रता निम्न है:
मुद्रा लोन इस तरह के बिजनेस को मिल सकता है:
मुद्रा लोन लेने के लिए इन डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है
मुद्रा लोन लेने के लिए इन सभी प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। जो भी कारोबारी इन सभी प्रक्रियाओं को फ़ॉलो कर लेता हैम उन्हें बहुत आसानी से प्रधानमंत्री मुद्रा लोन मिल जाता है। बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक वह लोग होते हैं, जो किसी बिजनेस के भविष्य के बारें में विचार करते हैं और यह बताते हैं कि बिजनेस में किस चीज कमी है और किस चीज की अधिकता है। बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक टर्म बिजनेस में नया है। पहले के जमाने में बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक की जगह बिजनेस को स्थापित करने वाला व्यक्ति ही यह निर्धारित करता था कि बिजनेस कैसे आगे बढ़ाना है।
लेकिन अब कार्पोरेट में बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषकों की मांग बढ़ रही है। धीरे – धीरे मध्यम स्तर की कंपनी भी अब अपने यहां बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक नियुक्त कर रही हैं या किसी एजेंसी से बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक की सेवा लेती हैं। 1990 के दशक की शुरुआत में बिजनेस इंटेलिजेंस का टर्म सामने आया है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि बिजनेस इंटेलिजेंस का जुड़ाव गणित से है। 'बिजनेस इंटेलिजेंस का संबंध डेटा कलेक्शन, रिसर्च और फिर इसका ऐसा निष्कर्ष निकालने से है, जिससे बिजनेस के लिए फैसले करने में मदद मिले। बिजनेस इंटेलिजेंस का अगला चरण विभिन्न स्थितियों में मैथमेटिकल मॉड्यूल्स का इस्तेमाल करते हुए इस साइंस का विकास करना है। बिजनेस की भाषा में इसे एनालिटिक्स कहा जाता है। यह टर्म भी 90 के दशक में ही गढ़ा गया है। बिजनेस एनालिटिक्स से आशय डेटा-संचालित इनसाइट्स को प्राप्त करने के अभ्यास से है, जो आंकड़ों की भविष्यवाणी, मॉडलिंग, डाटा माइनिंग और ऑपरेशंस एनालिसिस के जरिए बिजनेस प्लानिंग और ऑर्गनाइजेशन के फ्यूचर परफॉर्मेंस और इन नतीजों को उपयुक्त ऑडियंस तक पहुंचाता है। कार्पोरेट में इसे सामान्य बोलचाल की भाषा में डेटा एनालिटिक्स कहते हैं। आपने अक्सर जॉब पोर्टल्स पर देता एनालिटिक्स की पोस्ट का विज्ञापन देखा होगा। बिजनेस में देता एनालिटिक्स कार्यकारियों की मांग बहुत अधिक होती है और इन्हें बेहतर वेतन ऑफर किया जाता है। बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक को बीए भी कहते हैं। बीए का मतलब बिजनेस इंटेलिजेंस होता है। बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक के कार्यों में प्रमुख तौर पर बिजनेस की आवश्यकताओं और मूल्यों की गणना करना, बिजनेस में आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए कार्यपरियोजना बनाना, बिजनेस के लिए नये अवसरों की पहचान करना, डेटा-संचालित इनसाइट्स को प्राप्त करना, आंकड़ों की भविष्यवाणी करना, बिजनेस मॉडलिंग तैयार करना, डाटा माइनिंग और ऑपरेशंस एनालिसिस के जरिए बिजनेस प्लानिंग और ऑर्गनाइजेशन के फ्यूचर परफॉर्मेंस और इन नतीजों को उपयुक्त ऑडियंस तक पहुंचन, बिजनेस प्रोडक्ट के बारें में कस्टमर्स की राय जानना और प्रोडक्ट रिसर्च के साथ मार्केट रिसर्च के कार्य शामिल होता है। एक तरह बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक को हम एक तरह से किसी भी बिजनेस का बैक बोन भी कह सकते हैं। अगर वर्तमान संदर्भ में बात करें तो आज की उन्नत होती टेक्नोलॉजी के दौर में चीजे हर रोज बदल रही हैं। ऐसे में वही कंपनी या बिजनेस लंबे समय की पारी खेल सकते हैं, जिन्हें समय के साथ खुद ढालना आ जाता है। समय के ढालने का मतलब है कि वह बदलते समय के अनुसार अपने आन्तरिक ढांचे में जरूरी बदलाव करते रहें। चूंकि किसी भी बिजनेस या कंपनी में बदलाव को समझने के लिए जिस व्यक्ति की जरूरत और काबिलित होती है, वह व्यक्ति होता है बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक। बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक वर्तमान दौर में एक उभरता हुआ करियर है। इसमें आने वाले समय में काफी उछाल देखने में मिलेगी। आपको जानकारी के लिए बता दें कि बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक का भारत में अभी तक कोई विशेष कोर्स नहीं चलाया जाता है। लेकिन, इसे कुछ कालेजों में एमबीए के साथ समाहित करके पढ़ाया जाता है। आपको यह भी बता दें कि बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक बनने के लिए व्यक्ति को खुद बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक वाली खूबियां गढ़ना होता है। |