मुद्रा का पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनैन्स एजेंसी लिमिटेड है। मुद्रा मूल रुप से गैर-बैकिंग संस्थान है। यह एक पुनर्वित्त एजेंसी है न कि प्रत्यक्ष रुप से मुद्रा लोन देने वाली संस्था। मुद्रा लोन योजना के तहत तीन कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन मिलता है।
मुद्रा अपनी जैसी मध्यवर्ती संस्थाओं जैसे उन बैंकों/अल्प वित्त सस्थाओं/ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सुझाव प्रदान करता है, जो गैर कृषि क्षेत्र में विनिर्माण, बिजनेस तथा सर्विस सेक्टर के कारोबारियों को बिजनेस लोन प्रदान करने का कार्य करते हैं। मुद्रा कैसे कार्य करता है? प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत मुद्रा एनबीएफसी कंपनी ने पहले से ही अपने प्रारंभिक उत्पाद/ योजनाएं तैयार कर ली हैं। इन उत्पाद/योजनाओं को 'शिशु लोन', 'किशोर लोन' तथा 'तरुण लोन' नाम दिया गया है। जिसके तहत एमएसएई सेक्टर के कारोबारियों को बिजनेस लोन प्रदान किया जाता है।
मुद्रा लोन के लाभार्थी कौन होता है? प्रधानमंत्री मुद्रा लोन प्रदान किये जाने का मूल देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए भी मुद्रा लोन दिया जाता है। मुद्रा लोन के लाभार्थी निम्न होते हैः ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में स्थित गैर निगमित लघु व्यवसाय घटक (एनसीएसबीएस), जिनमें ऐसी लाखों प्रोप्राइटरशिप/पार्टनरशिप फर्में शामिल हैं, जो लघु विनिर्माण इकाइयाँ, सेवा क्षेत्र की इकाइयाँ, दुकानदार, फल/सब्जी विक्रेता, ट्रक परिचालक, खाद्य-सेवा इकाइयां, मरम्मत की दुकानें, मशीन परिचालन, लघु उद्योग, दस्तकार, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां तथा व्यवसाय चलाते हैं। मुद्रा लोन लेने में किन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत? ऋण के निबंधन और शर्तें ऋण देनेवाली संस्था और भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के दायरे में रहकर निर्धारित की जाएँगी। आवश्यक दस्तावेज़ों के संबंध में आप अपने इलाके की किसी भी ऋणदात्री संस्था से मार्गदर्शन ले सकते हैं। समान्य तौर पर मुद्रा लोन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की जरुरत होती हैः
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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एक सरकारी बिजनेस लोन याजना है। इस सराकारी बिजनेस लोन के तहत एमएसएमई श्रेणी के कारोबारियों को तीन कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन कम ब्याज दर पर प्रदान किया जाता है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर के कारोबार यानी छोटे और मध्यम बिजनेस को आर्थिक मदद करने के उद्देश्य अप्रैल 2015 में मुद्रा यानी Micro Units Development and Refinance Agency Limited (MUDRA) योजना शुरु की गई है। मुद्रा योजना का पूरा नाम – Full Form of मुद्रा योजना- माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है। यह एक गैर-बैकिंग वित्तिय संस्थान यानी नॉन बैकिंग फाइनेंशियल कंपनी है। मुद्रा योजना केन्द्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत देश में 27 सरकारी बैंक, प्राइवेट सेक्टर के 17 बैंक, 31 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, 4 सहकारी बैंक, 36 माइक्रो फाइनेंस संस्थान और 25 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को मुद्रा लोन बांटने के लिए अधिकृत किया गया है। पीएम मुद्रा लोन योजना का लाभ प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का प्रमुक लाभ है कि इस योजना के तहत एमएसएमई सेगमेंट में नया कारोबार शुरु करने के लिए और पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए बिना कुछ गिरवी रखे अधिकतम 10 लाख रुपये तक बिजनेस लोन, तीन कैटेगरी में प्रदान किया जात है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ कैसे लिया जा सकता है? किसी भी योजना का लाभ लेने की एक प्रक्रिया होती है। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का लाभ उठाने की भी एक प्रक्रिया निर्धारित की गई है। मतलब है कि मुद्रा लोन के लिए जो निर्धारित प्रक्रिया तय की गई है उसका पालन करना होता है। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन लेने की प्रक्रया सबसे पहले अपने नजदीकी उस बैंक या फाइनेंशियल कंपनी का पता लगाये जिससे मुद्रा लोन मिलता है। फाइनेंशियल संस्था पता लगाने के बाद आपका कर्तव्य होना चाहिए कि मुद्रा लोन के लिए लगने वाले सभी कागज़ी दस्तावेजों को इक्कठा करना। अब आपका काम होगा एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का। यह प्रोजेक्ट रिपोर्ट इस लिए बनाना है ताकि आप यह दिखा सकें कि आप मुद्रा लोन के पैसों का क्या उपयोग करेंगे। कागजात जुटाने के बाद और प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के बाद अब आप उस बैंक या फाइनेंशियल कंपनी में जाकर मुद्रा लोन फॉर्म लीजिये। फॉर्म अच्छी तरह भरने के बाद उसके साथ सभी जरूरी कागजात नत्थी करके फॉर्म जमा कीजिये। फॉर्म जमा करने के बाद आपको रेगुलर तौर से बैंक या फाइनेंशियल कंपनी में जाकर फ़ॉलोअप करना होगा कि आपको बिजनेस लोन तब तक मिलेगा। इस तरह आप देखते हैं कि प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना की प्रक्रिया काफी आसान और सुलझी हुई है। जिन लोगो को अपना एमएसएमई बिजनेस शुरु करना हो या पहले से चल रहे एमएसएमई बिजनेस का विस्तार करना हो, वह लोग यहा बताई गई प्रक्रिया के तहत प्रधानमंत्री लोन योजना का लाभ उठा सकते हैं। आज के समय में सभी का चाहत होती है कि वह बिजनेस करें और अधिक मुनाफा कमाए। बिजनेस शुरु करने के लिए जो चीज सबसे जरुरी चीज होता है वह है धन। बिना आवश्यक धन के बिजनेस शुरु करने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
लोग यह चाहते हैं कि वह बिजनेस शुरु करें लेकिन साथ ही यह भी चाहत होती है कि ऐसा एमएसएमई बिजनेस शुरु करें जिसे कम लागत में शुरु किया जा सकता हो। और समय आने पर बिजनेस लोन लेकर बिजनेस का विस्तार किया जा सके। आइये आपको 5 ऐसे एमएसएमई बिजनेस के बारें में बताते हैं जिसे कम लागत में शुरु किया जा सकता है।
पेपर का दोना बनाने का बिजनेस - Paper Making Business जब से भारत में पलास्टिक बैं हुआ है, तब से पेपर के थैलों की मांग बढ़ गई है। इसलिए कम पैसों में शुरु होने वाला यह एक हॉट बिजनेस है। पेपर का बिजनेस शुरु करने के लिए एक पेपर दोना मेकिंग मशीन और पेपर का कच्चा माल की जरुरत होती है। इस बिजनेस को शुरु करने के लिए शुरआती तौर से 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक की जरुरत होती है। किराने की दुकान - Grocery Store हर किसी को दैनिक जरुरत वाली चीजों की जरुरत होती है। किराने की दुकान का बिजनेस एक सदाबाहार बिजनेस है। इस बिजनेस को अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार शुरु किया जा सकता है और जरुरत होने पर बिजनेस लोन के जरिए बिजनेस का विस्तार आसानी के साथ किया जा सकता है। ट्रैवल एजेंसी बिजनेस - Travel Agency Business आज के समय में लोग कमाने, खाने और घूमने के लिए जमकर पैसा खर्च करते हैं। इसलिए ट्रैवल एजेंसी का बिजनेस बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और इस बिजनेस में मुनाफा भी खूब होता है। ट्रैवल एजेंसी का बिजनेस शुरु करने के लिए एक कमरा नुमा आफिस और गाड़ी मालिको से संपर्क होना चाहिए। ट्रैवल एजेंसी का बिजनेस 1 लाक रुपये से शुरु हो सकता है। मसाला बनाने का बिजनेस - Spice Making Business खाना में मसाला न हो तो खाना फीका लगने लगता है। कहने का आसय यह है कि मसाला का बिजनेस एक सदाबाहार बिजनेस है। आज के दौर में आर्गेनिक मसालों की मांग जमकर बढ़ गई है। मसाला का बिजनेस करने के लिए एक मसाला पीसने वाली मशीन औ साबूत मसालों का जरुरत होती है। किसानों से साबूत मसाला मंगाकर मसाला का बिजनेस किया जा सकता है। मोमबत्ती बनाने का बिजनेस - Candle Making Business मोमबत्ती जरुरत होने के साथ फैशन की आवश्यकता भी है। आज के डेट में लोग होटलों में कैंडल लाइट डिनर करने जाते है। और घरों और होटलों में सजावट के लिए मोमबत्ती का उपयोग किया जाता है। इसलिए मोमबत्ती की मांग बराबर बनी रहती है। मोमबत्ती का बिजनेस करने के लिए एक मोमबत्ती मेकिंग मशीन और मोम के तौर पर कच्चा माल चाहिए होता है। इन सब में कुल 1 लाख रुपये तक लग जाता है। हालांकि मशीन पर वन टाइम खर्च होता है। इसके बाद सिर्फ कच्चा माल की ही खरीद करना होता है। |