भारत में लगभग हर तीसरा व्यक्ति चाहता है कि वह बिजनेस करें। और बिजनेस करने का बनाने वाले लोगों के मन में दो सवाल हर वक्त कौधता रहता है। पहला यह कि किस चीज का बिजनेस करें और दूसरा यह कि व्यापार के लिए लोन कहाँ और कैसे मिलता है? क्योंकि अधिकतर लोग बिजनेस लोन लेकर ही बिजनेस करना चाहते है।
हालांकि यह सवाल बेबुनियाद नहीं है। बल्कि सही है क्योंकि भारत सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोग खुद का स्वरोजगार करें ताकि वह लोग खुद सक्षम बनने के साथ दूसरे लोगों को भी रोजगार देने का काम करें। इसके लिए भारत सरकार द्वारा बिजनेस लोन योजना चलाकर व्यापार के लिए लोन देने का कार्य किया जा रहा है। यह बहुत से लोगों का सवाल हो सकता है कि बिजनेस लोन लेने के लिए गारंटर कहां से लाऐगें। तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी लोन योजना के तहत व्यापार के लिए लोन पर किसी को गारंटर बनाने की जरुरत नहीं है। जी, हां। इस योजना का नाम प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना है। पीएम लोन योजना में व्यापार के लिए और पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए 3 कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन मिलता है। मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले लोन का उपयोग एमएसएमई सेक्टर में बिजनेस शुरु करने के लिए और एमएसएमई सेक्टर के बिजनेस का विस्तार करने के लिए किया जाता है। व्यापार के लिए मुद्रा लोन सरकारी, सहकारी और प्राइवेट बैंकों के अलावा नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी- एनबीएफसी कंपनियों से मिलता है। मुद्रा लोन योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है। मुद्रा योजना के तहत मिलने वाला 10 लाख तक का बिजनेस लोन 3 कैटेगरी में विभाजित है:
व्यापार के लिए मुद्रा लोन कैसे मिलता है? जिस लोगों को मुद्रा लोन चाहिए, उन्हें सबसे पहले मुद्रा लोन लेने की पात्रता जांचना चाहिए। मुद्रा लोन प्राप्त करने की पात्रता दो तरह से डिसाइड होती है। बेसिक पात्रता और अनिवार्य पात्रता। मुद्रा लोन की बेसिक पात्रता निम्न है:
मुद्रा लोन इस तरह के बिजनेस को मिल सकता है:
मुद्रा लोन लेने के लिए इन डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है
मुद्रा लोन लेने के लिए इन सभी प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। जो भी कारोबारी इन सभी प्रक्रियाओं को फ़ॉलो कर लेता हैम उन्हें बहुत आसानी से प्रधानमंत्री मुद्रा लोन मिल जाता है।
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बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक वह लोग होते हैं, जो किसी बिजनेस के भविष्य के बारें में विचार करते हैं और यह बताते हैं कि बिजनेस में किस चीज कमी है और किस चीज की अधिकता है। बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक टर्म बिजनेस में नया है। पहले के जमाने में बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक की जगह बिजनेस को स्थापित करने वाला व्यक्ति ही यह निर्धारित करता था कि बिजनेस कैसे आगे बढ़ाना है।
लेकिन अब कार्पोरेट में बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषकों की मांग बढ़ रही है। धीरे – धीरे मध्यम स्तर की कंपनी भी अब अपने यहां बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक नियुक्त कर रही हैं या किसी एजेंसी से बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक की सेवा लेती हैं। 1990 के दशक की शुरुआत में बिजनेस इंटेलिजेंस का टर्म सामने आया है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि बिजनेस इंटेलिजेंस का जुड़ाव गणित से है। 'बिजनेस इंटेलिजेंस का संबंध डेटा कलेक्शन, रिसर्च और फिर इसका ऐसा निष्कर्ष निकालने से है, जिससे बिजनेस के लिए फैसले करने में मदद मिले। बिजनेस इंटेलिजेंस का अगला चरण विभिन्न स्थितियों में मैथमेटिकल मॉड्यूल्स का इस्तेमाल करते हुए इस साइंस का विकास करना है। बिजनेस की भाषा में इसे एनालिटिक्स कहा जाता है। यह टर्म भी 90 के दशक में ही गढ़ा गया है। बिजनेस एनालिटिक्स से आशय डेटा-संचालित इनसाइट्स को प्राप्त करने के अभ्यास से है, जो आंकड़ों की भविष्यवाणी, मॉडलिंग, डाटा माइनिंग और ऑपरेशंस एनालिसिस के जरिए बिजनेस प्लानिंग और ऑर्गनाइजेशन के फ्यूचर परफॉर्मेंस और इन नतीजों को उपयुक्त ऑडियंस तक पहुंचाता है। कार्पोरेट में इसे सामान्य बोलचाल की भाषा में डेटा एनालिटिक्स कहते हैं। आपने अक्सर जॉब पोर्टल्स पर देता एनालिटिक्स की पोस्ट का विज्ञापन देखा होगा। बिजनेस में देता एनालिटिक्स कार्यकारियों की मांग बहुत अधिक होती है और इन्हें बेहतर वेतन ऑफर किया जाता है। बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक को बीए भी कहते हैं। बीए का मतलब बिजनेस इंटेलिजेंस होता है। बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक के कार्यों में प्रमुख तौर पर बिजनेस की आवश्यकताओं और मूल्यों की गणना करना, बिजनेस में आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए कार्यपरियोजना बनाना, बिजनेस के लिए नये अवसरों की पहचान करना, डेटा-संचालित इनसाइट्स को प्राप्त करना, आंकड़ों की भविष्यवाणी करना, बिजनेस मॉडलिंग तैयार करना, डाटा माइनिंग और ऑपरेशंस एनालिसिस के जरिए बिजनेस प्लानिंग और ऑर्गनाइजेशन के फ्यूचर परफॉर्मेंस और इन नतीजों को उपयुक्त ऑडियंस तक पहुंचन, बिजनेस प्रोडक्ट के बारें में कस्टमर्स की राय जानना और प्रोडक्ट रिसर्च के साथ मार्केट रिसर्च के कार्य शामिल होता है। एक तरह बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक को हम एक तरह से किसी भी बिजनेस का बैक बोन भी कह सकते हैं। अगर वर्तमान संदर्भ में बात करें तो आज की उन्नत होती टेक्नोलॉजी के दौर में चीजे हर रोज बदल रही हैं। ऐसे में वही कंपनी या बिजनेस लंबे समय की पारी खेल सकते हैं, जिन्हें समय के साथ खुद ढालना आ जाता है। समय के ढालने का मतलब है कि वह बदलते समय के अनुसार अपने आन्तरिक ढांचे में जरूरी बदलाव करते रहें। चूंकि किसी भी बिजनेस या कंपनी में बदलाव को समझने के लिए जिस व्यक्ति की जरूरत और काबिलित होती है, वह व्यक्ति होता है बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक। बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक वर्तमान दौर में एक उभरता हुआ करियर है। इसमें आने वाले समय में काफी उछाल देखने में मिलेगी। आपको जानकारी के लिए बता दें कि बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक का भारत में अभी तक कोई विशेष कोर्स नहीं चलाया जाता है। लेकिन, इसे कुछ कालेजों में एमबीए के साथ समाहित करके पढ़ाया जाता है। आपको यह भी बता दें कि बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक बनने के लिए व्यक्ति को खुद बिजनेस इंटेलिजेंस विश्लेषक वाली खूबियां गढ़ना होता है। |