स्टार्ट – अप इंडिया योजना को अगर लाइन में कहना हो तो हम कहेंगे की “स्टार्ट – अप इंडिया योजना भारत के युवाओं को अपने पंख खोलने और नौकरी मांगने की बजाय नौकरी देने वाला बनने की योजना है।
स्टार्ट – अप इंडिया योजना की घोषणा लाला किले से 15 अगस्त 2015 को की गई और स्टार्ट – अप योजना 16 जनवरी 2016 में शुरु हुई है। स्टार्ट – अप योजना के तहत बिजनेस शुरु करने आने तमाम बाधाओं को समाप्त किया गया है साथ ही इस योजना के तहत स्टार्ट-अप्स को बिजनेस लोन के रुप आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। भारत की जनसंख्या वर्तमान में एक सौ तीस करोड़ से भी अधिक है। ऐसे में इतनी अधिक जनसंख्या को नौकरी उपलब्ध करा पाना, किसी भी देश के किसी भी सरकार के बस की बात नहीं है। लेकिन, बिना रोजगार के जीवन जीना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। जब 2014 में नरेंद्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने कुछ ऐसा वादा किया था कि वह सालाना 2 करोड़ रोजगार उपलब्ध करायेंगे। स्टार्ट – अप इंडिया योजना, उसी वादे का एक अंश है। 2015 में पीएम मोदी ने घोषणा किया कि अब देश में बिजनेस शुरु करने के लिए किसी को भी लाल – फीताशाही से नहीं गुजरना पड़ेगा और न ही किसी एमएसएमई कारोबारी को पैसों की कमी के चलते, अपना बिजनेस बंद करना पड़ेगा। बिजनेस शुरु करने के लिए तमाम तरह की रुकावटों की लाल – फीताशाही को हटाने के लिए स्टार्ट – अप इंडिया शुरु योजना हुई और कारोबारियों को बिजनेस लोन के रुप में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुवात की गई। स्टार्ट – अप इंडिया योजना के प्रमुख फायदे
जो भी व्यक्ति स्टार्ट करना चाहता है या जिनके पास खुद का स्टार्ट – अप है, वह सभी लोग स्टार्ट – अप इंडिया योजना का लाभ उठा सकते हैं। स्टार्ट – अप इंडिया योजना का लाभ उठाने के लिए स्टार्ट – अप इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट https://www.startupindia.gov.in/ पर खुद के स्टार्ट – अप का रजिस्ट्रेशन करना होगा।
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देश में 2014 के बाद से राजनीतिक हालात बदला। केन्द्र की सरकार बदल गई। पिछले कई दशकों से सत्ता पर काबिज कांग्रेस गठबंधन की हार हुई और भाजपा गठबंधन की विजय हुई। नरेंद्र दामोदर दास भाई मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया गया।
नरेंद्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बनने से पहले तीन दफा गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके थे। नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में गुजरात राज्य बहुत तेजी से विकास की सीढ़िया चढ़ा था। गुजरात में कारोबारी माहौल बहुत तेजी सुधरा। कारोबारी माहौल में सुधार होने की वजह से गुजरात में अधिक से अधिक कम्पनियों ने अपना प्लांट लगाया, जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ। हम एक तरह से कह सकते हैं की नरेंद्र मोदी ने गुजरात का कायाकल्प ही बदल दिया। गुजरात को विकसित राज्यों की लाइन में सबसे अग्रिम पंक्ति में खड़ा करा दिया। वही नरेंद्र मोदी 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी के सामने यह बात खुलकर सामने आई कि देश के कारोबारियों की हालत खराब है, पुराने उद्योग धीरे – धीरे बंद होने की कगार पर खड़े हैं। नया कारोबार खोलने के लिए इतना अधिक पेपर वर्क करना होता है की लोग चाहते हुए भी नया बिजनेस शुरु नहीं कर पाते हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस बाबत पर बैठक हुई। बैठक में यह साफ़ कर दिया गया कि किसी भी तरह देश में उद्योग लायक माहौल बनाना है। देश जितना अधिक उद्योग – धंधे होंगे, उतना ही अधिक रोजगार सृजन होगा, जिससे अधिक से अधिक लोगों को काम मिलेगा। इसके बाद केद्र सरकार द्वारा एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी “मुद्रा: की मदद से प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना शुरु करने का निर्णय लिया गया। मुद्रा योजना की विशेषता यह है कि मुद्रा योजना में नया कारोबार शुरु करने के लिए और पुराने कारोबार को जीवित करने या उसका विस्तार करने के लिए सरकारी, सहकारी, प्राइवेट बैंकों सहित कई एनबीएफसी से कारोबारियों को तीन कैटेगरी में 10 लाख तक का मुद्रा लोन दिया जायेगा। मुद्रा लोन योजना की तीन कैटेगरी निम्न है:
मुद्रा लोन की ब्याज दर मुद्रा लोन योजना के तहत दिए जाने वाले बिजनेस लोन की खासियत यह बनाई गई है कि मुद्रा योजना के तहत लिए गये बिजनेस लोन पर बहुत कम ब्याज देना होता है। हालांकि यह फिक्स नहीं रखा गया की मुद्रा लोन के लिए कितना ब्याज देना होगा। मुद्रा लोन पर सभी बैंकों और एनबीएफसी कंपनियों द्वारा भारतीय रिजर्ब बैंक के तहत दी गई गाइड लाइन के भीतर ही ब्याज लगाया जाता है। एक औसत की बात करें तो, भारतीय स्टेट बैंक के तहत दिए जाने वाले मुद्रा लोन पर 6% से 8% ब्याज दर लगाया जाता है। हालांकि यह ब्याज दर केवल सांकेतिक है। समय – समय पर मुद्रा लोन की ब्याज दरों में बदलाव होता रहता है। आगरा कोई मुद्रा लोन लेने का विचार बना रहा है, तो उनकों सबसे पहले बैंक से या एनबीएफसी कंपनी से मुद्रा लोन पर लगने वाली ब्याज दर के बारें में बात कर लेना चाहिए। |